इंदौर-खंडवा मार्ग को फोरलेन बनाने का काम फिर अटक गया है। इसे लेकर पर्व में कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने दौरे किए। आंदोलन की रुपरेखा भी बनाई। लेकिन, फिर भी काम में गति नहीं आ सकी। यह मार्ग व्यस्ततम मार्गों में शुमार है। दिनभर हजारों छोटे-बड़े वाहनों की रेलमपेल चलती रहती है।
तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने वर्ष 2008 में सिमरोल में आईआईटी की आधारशिला रखने के दौरान इस मार्ग को फोरलेन में परिवर्तित करने की घोषणा की थी। लोक निर्माण विभाग ने बाईग्राम व चोरल के घाट को व्यवस्थित किया, ताकि यातायात सुगम हो सके। इसके बाद सड़क निर्माण की बारी आई तो विभाग ने आवंटन के अभाव में विराम दे दिया। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा म ह।ज न, खेलमंत्री जीतू पटवारी ने भी सड़क निर्माण के लिए कई बार कोशिश की। लोक निर्माण विभाग को आदेश भी दिए। उधर, निगम ने सड़क चौड़ीकरण के लिए नपती भी कर ली। इसके बाद कुछ बाधक निर्माण हटाए जाने के नोटिस दुकानदारों व रहवासियों को दिए गए। इसके बाद पता नहीं क्यों, बाधक जस के तस खड़े हैं। जब तक बाधक नहीं हटेंगे, तब तक लोक निर्माण विभाग भी आगे का काम शुरू नहीं कर सकेगा। जबकि, मार्ग पर दिनोंदिन यातायात का दबाव बढ़ता जा रहा है। कई बार दुर्घटनाएं भी कारित होती है। एक बार फिर लोक निर्माण विभाग के कार्यालय में फोरलेन निर्माण को लेकर हलचल शुरू हो गई है।