आटो चालकों के लिए नशे का अड्डा बना इंदौर का रेलवे प्लेटफार्म-4

मामला रेलवे स्टेशन का...



 


मामला रेलवे स्टेशन का..देर रात तक उड़ाते हैं गांजे का धंआ


इंदौर। रात 12 बजे बाद इंदौर रेलवे स्टेशन पर लगभग सन्नाटा पसर जाता है। ट्रेनों की आवाजाही बंद होने के साथ ही जहां सुरक्षा के पहरेदार नदारद हो जाते हैं, तो वहीं दूसरी ओर इसका फायदा स्टेशन से चलने वाले ऑटो चालक उठाते दिखाई देते हैं। प्लेटफाम नंबर 4 के बाहर बने स्टैंड पर आटो चालक आधी रात बाद इक्टठा होकर नशा खोकरी करते दिखाई देते हैं। वह गांजे के साथ ही चरस भी पीते नजर आते है। ट्रेनों की आवाजाही बंद होने के बाद प्लेटफार्म चार पर आरपीएफ और जीआरपी की पेट्रोलिंग भी लगभग न के बराबर हो जाती है यही वजह है कि आटो चालक इसका फायदा उठाते नजर आते हैं।


आधी रात को जब ट्रेनों की आवजाही खत्म हो जाती है तब फिर नशेड़ी सूनसान पड़े प्लेटफार्म के बाहर बैठकर गांजे व सिगरेट का धुंआ उड़ाते दिखाई देते हैं। खासकर स्टेशन से सवारी बैठालने वाले ऑटो चालक। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर चार के बाहर ऑटो की लंबी कतारें लगी रहती है। यह सभी लाइन में खड़े होकर सुबह इंदौर आने वाली ट्रेन का इंतजार करते नजर आते हैं। इस दौरान जब यह ऑटो चालक फुर्सत में रहते हैं तो सभी इक्ट्ठा होकर गांजा, सिगरेट व चरस का धुंआ उड़ाते नजर आते हैं। यह हर दिन अपनी इसी कारगुजारी को अंजाम देते हैं लेकिन अब तक नहीं आरपीएफ और नहीं जीआरपी ने नशेड़ी आटोचालकों पर अब तक शिकंजा कसा है।


हार जीत का लगाते हैं दांव


न सिर्फ नशेड़ी ऑटो चालक नशे की गतिविधियों को अंजाम देते हैं बल्कि यह नशा करने के साथ ही हार जीत का जुआ लगाते नजर आते हैं। बकायादा अलसुबह तक जुआ चलता रहता है लेकिन रेलवे पुलिस और आरपीएफ ने जानकारी होने के बावजूद भी पूरे मामले में अब तक खुद को दूर कर रखा है।


लिस्टेड गुंडे भी शामिल


रेलवे स्टेशन के आटो स्टैंड से देर रात से अलसुबह तक ऑटो चलाने वाले अधिकांश चालक आपराधिक प्रवृत्ति के हैं जिनमें कई क्षेत्रिय थाने सेंट्रल कोतवाली के लिस्टेड गुंडे तक हैं। जिन पर पुलिस ने निगरानी तक डाल रखी है लेकिन इसके बावजूद भी यह नशा कर आसानी से आटो रिक्शा को शहरभर में दौड़ाते रहते हैं इनके ऑटो में सवार होने वाले मुसाफिरों का सफर भी मुश्किल भरा हो सकता है, ऐसे में रेलवे प्रबंधन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है क्योकिं बात यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद जरूरी है।