शहर का विस्तार तो हुआ, लेकिन संसाधन एवं स्टाफ नहीं बढ़ाया
इंदौर। शहर की स्ट्रीट लाइट सुधारने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं होने से बार-बार शिकायतों के बाद भी काम समय पर नहीं होता और सड़कों पर अंधेरा पसरा रहता है, जिससे दुर्घटनाओं एवं हादसों का भय बना रहता है।
शहर की सड़कों, गलियों, मैदानों और उद्यानों आदि स्थानों पर प्रकाश व्यवस्था की जिम्मेदारी नगर निगम की है, लेकिन नगर निगम के पास एक वार्ड में मात्र एक वाहन होने से काम समय पर नहीं हो पाता है। नगर निगम कंट्रोल रूम पर नियमित रूप से बिजली की मर मत के लिए शिकायतें आती हैं। कभी स्ट्रीट लाइट तो कभी उद्यानों की लाइटें बंद होने की शिकायतें लगातार रहती है लेकिन नगर निगम का विद्युत विभाग समय पर शिकायतों का निराकरण नहीं कर पाता है। नगर निगम कंट्रोलरूम पर नियमित रूप से शिकायतें दर्ज की जा रही है लेकिन समय पर निराकरण नहीं होने से कई बार लोग परेशान होकर शिकायत करना ही बंद कर देते हैं।
6 घंटे ही हो रहा काम
नगर निगम के विद्युत विभाग द्वारा रखरखाव करने वाले कर्मचारी एवं गाडिया सुबह 11 बजे कार्यालयीन समय पर काम करने निकलती है लेकिन शाम करीब 5 बजे काम बंद कर देते हैं। इस तरह कुल 6 घंटे काम करने के चलते भी शिकायतों का समय पर निराकरण नहीं हो पाता है। उधर, विद्युत विभाग में संसाधन के नाम पर कुल 25 तीन पहिया आटो तथा 9 हाइड्रोलिक गाड़ियां है। जबकि स्टाफ में एक सिटी इंजीनियर 2 सहायक यंत्री, 8 उपयंत्री और करीब 125 कर्मचारियों का अमला है, जिसमें फील्ड में काम करने वाले कर्मचारी सौ से भी कम है।
अंधेरे में गाडी अडडा ब्रिज -
डेढ़ साल पहले तैयार हुए गाड़ी अड्डा ब्रिज पर पिछले कुछ समय से अंधेरा छाया हुआ है। यहां ब्रिज की आधी से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें लंबे समय से बंद पड़ी हैं, जिसके कारण यंहा से गुजरने वाले हजारों वाहन चालकों को भारी परेशानी हो रही है। अंधेरे के कारण यंहा से निकलने में दिक्कते होती हैं। दरअसल मेंटेनेंस के अभाव में यहा दोनों साइड की आधी से ज्यादा एलईडी लाइट खराब पड़ी है। इसके अलावा नए गाड़ी अड्डा ब्रिज को क्षेत्र के लोगों ने पार्किंग का अड्डा बना दिया है। निगम और पुलिस प्रशासन की अनदेखी के चलते रात में यहा ब्रिज पर बस, कार,लोडिंग रिक्शा और पैसेंजर रिक्शा खड़े रहते हैं। जिसके कारण ब्रिज पर दोनों ओर का आधे से ज्यादा रास्ता रूका रहता है। दरअसल शहर में इन दिनों गाड़ी अड्डा ब्रिज के अलावा अन्य कई ब्रिजों पर लंबे समय से लापरवाही का अंधेरा छाया है। यहा कई महिनों से स्ट्रीट लाइटों का मेंटेनेंस नहीं होने से ज्यादातर लाइन बंद पड़ी है। जिससे ब्रिज पर अंधेरा फैला हुआ है। पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाए तीन इमली ब्रिज पर तो पिछले कई मीहनों से सारी स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी है। कोई ध्यान देने वाला नहीं है। दरअल निगम और आईडीए में मेंटेनेंस को लेकर चल रही खींचतान के कारण हालत खराब है। अफसरों की लापरवाही से शहर की जनता को लंबे समय से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नगरीय निकायों में लगेंगे बिजली शिकायत निवारण शिविर
मप्रपक्षेविविक क्षेत्र के अंतर्गत 125 नगरीय निकायों में बिजली समस्या समाधान शिविर 1 से 15 नवंबर के बीच लगाए जाएंगे। इनमें समस्या का यथासंभव हाथोहाथ समाधान भी होगा। मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक विकास नरवाल ने बताया कि ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह के निर्देशानुसार इंदौर,उज्जैन,रतलाम समेत 15 जिला मुख्यालयों,तहसील मुख्यालयों के अलावा कस्बों में शिविर लगाए जाएंगे। एक निकाय,जोन या वितरण केंद्र में जरूरत पड़ने पर एक से अधिक स्थानों पर भी शिविर लगाए जा सकते हैं। इन शिविरों में बिजली आपूर्ति संबंधी, बिल, वोल्टेज, कनेक्शन, मीटर बंद या खराब होने, कनेक्शन का भार या नाम में बदलाव, ट्रांसफार्मर संबंधी,बिल नहीं मिलने आदि समस्याओं का समाधान किया जाएगा। नरवाल ने बताया कि कार्यपालक निदेशक एवं मुख्य अभियंता सभी जिलों की नोडलिंग करेगें।