अपराधियों और नशे के खिलाफ 'जंग'
इन दिनों शहर में जगह-जगह पर नशा आसानी उपलब्ध है और इसकी गिरफ्त में युवा वर्ग तेजी से आ रहे है। मादक पदार्थों की लत में कई यवा फंसकर रह गए हैं। वे खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं कि कैसे वे इससे छुटकारा पाएं। हैरान करने वाली बात तो यह है कि स्कूली विद्यार्थियों तक यह नशा आसानी से पहुंच रहा है। ऐसा नहीं है कि पुलिस और जिम्मेदार विभाग के अधिकारी मादक पदार्थों की सप्लाई पर अंकुश लगाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाते। लगातार उनके द्वारा कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन इसके बाद भी नशे का यह अवैध कारोबार पैर पसारता जा रहा है।
हाल ही के महीनों में शहर में हत्या और अन्य जघन्य घटनाओं में जब पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा और उनसे पूछताछ की तो एक ही बात सामने आई कि उन्होंने नशे के लिए घटना को अंजाम दिया या फिर नशा करने के बाद वारदात की है। नशे को लेकर समाज में पुलिस और कुछ गैर सरकारी संगठन अलग-अलग तरीके से काम तो कर रहे हैं, लेकिन उन्हें नशे से मक्त करवाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। यहां तक कि सरकार के पास मादक पदार्थों की रोक के लिए कोई ठोस नीति नहीं है, जिससे पीड़ित इस लत से बाहर निकल सके। शहर में इस समय स्थिति यह है कि नशे की लत में फंसने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। चरस, अफीम, गांजा, भुक्की या फिर सस्ते ड्रग्स के नशे के मामले अधिक हैं। शहर में पिछले दिनों पुलिस ने कार्रवाईकरते हुए नशे के सौदागरों को पकड़ा तो इस बात का खुलासा हुआ कि कि स्कूली विद्यार्थियों को भी नशे के सौदागर आसानी से नशा उपलब्ध करा देते है, जिससे वे इसकी लत का शिकार हो जाएं।
इस जानकारी के सामने आने के बाद एसएसपी रूचिवर्धन मिश्र ने क्राइम कंट्रोल करने के लिए योजना बनाई है, जिसमें नशा कर अपराधों को अंजाम देने वाले आरोपियों पर सख्त कार्रवाई तो की जाएगी। साथ ही उनका नशामुक्ति केंद्र में इलाज भी कराया जाएगा, जिससे वह नशे की लत छोड़कर आम जनजीवन व्यतित करें और फिर से नशे के लिए या नशे की गिरफ्त में किसी अपराधिक घटना को अंजाम न दें।
आमजन को भी देना होगा पुलिस का साथ
पुलिस अपना काम करते हुए शहर में नश सप्लाईकरने वाले और इसका सेवन करने वालों पर लगातार कार्रवाई कर रही है। इसके साथ ही लगातार जागरूकता अभियान चलाकर युवाओं और स्कूली विद्यार्थियों को नशे दुष्परिणामों से अवगत कराया जा रहा है। वहीं नशे के खिलाफ अभियान चला रखा है। समयसमय पर छापेमारी के दौरान नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। इस बात का भी पता चला कि शहर में बाहर से मादर्क पदार्थ सप्लाई हो रहे हैं। दूसरे शहरों और राज्यों की पुलिस को भी इससे अवगत कराया गया है। आमजन भी पुलिस के इस अभियान में साथ दें। नशे का व्यापार करने वालों की सूचना दें, पुलिस शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखेगी।
अपराध और नशे का है संबंध
अपराध और नशे का है संबंध नशा करने वाला यदि जरूरत से ज्यादा किसी भी मादक पदार्थ का सेवन कर लेता है तो वह अपनी सुधबुध खो बैठता है। वह किस प्रकार का नशा कर रहा है इससे भी अपराध का संबंध है। क्योंकि नशा उत्तेजित कर देता और फिर नशेड़ी के दिमाग में जो बात घूमती है वह उसे पूरी करने पर उतारू हो जाता है। जहां तक बच्चियों के साथ घिनौनी हरकत कर उनकी हत्या करने के मामलों सामने आए हैं तो इसका एक सबसे बड़ा कारण प्रोर्नोग्राफी भी है। जो व्यक्ति के दिमाग में छा जाती है और फिर नशा करने के बाद जब यही चीज दिमाग में घूमती है तो वह उत्तेजनावश किसी भी मासूम को अपना शिकार बना लेता है।
- डॉ. रामगुलाम राजदान, अधीक्षक मनोचिकित्सायल
दूरी होगी इनकी भी परेशानी
उच्च व मध्यम वर्ग के घरानों के बच्चों में बढ़ रही नशे की लत से उनके अभिभावक भी परेशान है। बताया जा रहा है कि कई उच्च घरानों के बच्चे बड़े स्केल पर नशे के आदी हो चुके है और मजबूर होकर उनके अभिभावकों को अपने बच्चों को नशामुक्ति केद्रों में भती करवाना पड़ रहा है। वहीं जब पुलिस खुद ही नशे के खिलाफ जंग लड़ते हुए युवाओं को नशे की लत से दूर करने का अभियान चलाएगी तो अभिभावकों की भी यह परेशानी दूर हो जाएगी।
नशे में ऐसे बढ़ रहे अपराध
युवाओं में बढ़ रही तरह-तरह के नशे की लत से अपराध भी बढ़ रहे है। पिछले कुछ सालों में चोरी, लूट, डकैती, हत्या सहित अन्य अपराधों में आरोपियों को पकड़कर पुलिस द्वारा पूछताछ की गई तो इस बात का खुलासा हुआ कि नशे की लत को पूरा करने के लिए इन्होने अपराध किए है। अक्सर देखने में आता है कि इस लत को पूरा करने के लिए युवा किसी भी हद को पार कर जाते है और अपराधों को अंजाम देने लगते है।