.. तो लग जाएगी आरटीओ में भ्रष्टाचार पर लगाम

 परिवहन आयुक्त ने दागियों पर कसा शिकंजा, नहीं मिली पोस्टिंग 


इंदौर। परिवहन विभाग को परिवहन आयुक्त के पद पर मधकमार बाबू मिले हैं। यह मुख्यमंत्री कमलनाथ और मुख्य सचिव की मंशा के अनुरूप काम कर रहे हैं। अगर सबकुछ ठीक रहा तो आरटीओ में जो भ्रष्टाचार होता है, उस पर जरूर लगाम लग जाएगी।


हाल ही में परिवहन विभाग में हुए तबादले में पहली बार ऐसी सूची जारी हुई, जिसमें दागी अफसरों, कर्मचारियों को पोस्टिंग नहीं मिली है। जाहिर है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ, मुख्य सचिव सुधीररंजन मोहंती प्रदेश में स्वच्छ सरकार चाहते हैं। 11 साल में पहली बार ऐसा हुआ कि किसी सिपाही को चेकपोस्ट का प्रभारी नहीं बनाया जो अफसर वर्षों से लप लाइन में थे। उन्हें पोस्टिंग मिली है। जाहिर है स्वच्छ प्रशासन का प्रयास परिवहन के राजस्व को भी ऊंचाइयों पर ले जाएगा। प्रमुख सचिव एसएन मिश्रा, परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत, आयुक्त मधुकुमार बाबू, उपायुक्त महेंद्र सिंह सिरकार ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशा के अनुरूप सुधार की कोशिश की है।


उड़नदस्ता प्रभारी मीणा की पत्ता प्रमाण माणा का इंदौर से हई छटटी


परिवहन विभाग के उड़नदस्ता प्रभारी के रूप में जगदीश मीणा लंबे समय से जिम्मेदारी संभाल रहे थे। हालांकि उन्हें इंदौर के उड़नदस्ता विंग के प्रभार से मुक्त कर दिया गया है और जल्द ही उनके बदले नए अफसर की यहां नियुक्ति की जाएगी, जिसको लेकर ग्वालियर में अफसरों के बीच मंथन भी चल रहा है। गौरतलब है कि आरटीआई जगदीश मीणा के कंधों पर न सिर्फ इंदौर उड़नदस्ते की जिम्मेदारी थी, बल्कि सेंधवा बैरियर की कमान भी इन्हीं के पास थी। ऐसी स्थिति में मीणा अधिकांश समय सेंधवा बैरियर पर ही देते थे। अलबत्ता उनके लगातार इंदौर से गैरहाजिर होने की शिकायतें अफसरों को मिल रही थीं, जिसके बाद परिवहन आयुक्त वी. मधुकुमार बाबू ने ज्वाइन करते ही सबसे पहले जगदीश मीणा को इंदौर के उड़नदस्ते के प्रभार से कार्यमुक्त कर दिया और अब जल्द ही नए अफसर की पदस्थापना की चर्चा जोरों पर चल रही है। सूत्र बताते हैं कि आरटीआई जगदीश मीणा की गैरहाजिरी में होमगार्ड के जवान और एवजी कुलदीप यादव ही चेकिंग करने निकल पड़ते थे, जबकि उनके पास किसी वाहन को रोककर चेकिंग करने का कोई अधिकार नहीं है, लेकिन लंबे समय से यह अंधेरगर्दी चलती आ रही है। नियमों को रौंदकर यह सभी वाहनों की चेकिंग कर उगाही करते रहे, लेकिन किसी भी स्थानीय अफसर ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।


कार्रवाई जरूर होगी


आरटीओ कार्यालय में जो भ्रष्टाचार की शिकायते मिल रही है, वह अगर मय प्रमाण के परिवहन आयुक्त मधुकुमार को भेज दी जाए तो उम्मीद की जा सकती है कि कार्रवाई जरूर होगी। इधर कुछ बाबू के एवजी द्वारा भी वाहन स्वामियो और एजेंटो से जो दुर्व्यवहार किया जा रहा है, उसकी शिकायत भी परिवहन आयुक्त को की जा सकती है। विदित हो परिवहन आयुक्त मधुकुमार बाबू पुलिस के वह ईमानदार अफसर है, जिस पर चर्चे आम है। यह इंदौर में भी अपनी पुलिस सेवाएं दे चुके है।